EV क्रांति: 2025 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री ने तोड़ा रिकॉर्ड, 20 लाख से अधिक गाड़ियां बिकीं

भारत ने 2025 में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र में नई ऊंचाई हासिल की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 के बीच 20 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बिक चुके हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 35% की वृद्धि दर्शाता है, जो भारत को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ईवी बाजारों में शामिल करता है।
सरकारी प्रोत्साहन और नीति सुधार
भारत सरकार ने ईवी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं — FAME-II योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाई गई। GST दरें 12% से घटाकर 5% कर दी गईं। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए निजी क्षेत्र को कर छूट दी जा रही है। नीति आयोग के अनुसार, सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 30% वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा सुधार
पहले जहां चार्जिंग स्टेशनों की कमी EV विकास में बाधा थी, अब देशभर में 12,000 से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित हो चुके हैं। टाटा पावर, एथर एनर्जी और ओला इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियाँ इस दिशा में तेज़ी से निवेश कर रही हैं।
कंपनियों की रफ्तार और बाजार की हिस्सेदारी
कंपनी का नाम 2025 बिक्री (अनुमान) बाजार हिस्सेदारी
- टाटा मोटर्स 4.5 लाख 22%
- ओला इलेक्ट्रिक 3.2 लाख 16%
- महिंद्रा ईवी 2.8 लाख 14%
- एथर एनर्जी 2.5 लाख 12%
टाटा मोटर्स ने अपनी लोकप्रिय EV सीरीज जैसे Nexon EV और Punch EV की बदौलत मार्केट लीड बरकरार रखी है।
पर्यावरण पर सकारात्मक असर
EV वाहनों की बढ़ती संख्या ने कार्बन उत्सर्जन में लगभग 18% की कमी, फ्यूल इम्पोर्ट पर निर्भरता घटाई, और स्वच्छ ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा दिया है। यह भारत के नेट ज़ीरो 2070 मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ग्राहकों का बढ़ता विश्वास
अब ग्राहक भी समझ रहे हैं कि EV की मेंटेनेंस लागत कम है, चार्जिंग सुविधाएँ आसान हैं, और लॉन्ग-रेंज बैटरियाँ बेहतर प्रदर्शन दे रही हैं। इसके चलते शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक EV खरीदने का रुझान बढ़ा है।
भविष्य की दिशा: EV 3.0 युग की शुरुआत भारत अब EV 3.0 युग की ओर बढ़ रहा है — जहां स्मार्ट टेक्नोलॉजी, सोलर चार्जिंग, और AI आधारित मॉनिटरिंग EV उद्योग को और उन्नत बनाएंगे। सरकार और निजी कंपनियाँ मिलकर 2030 तक भारत को “EV मैन्युफैक्चरिंग हब” बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।