विश्व छात्र दिवस 2025: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर शिक्षा और नवाचार पर नई सोच

हर साल 15 अक्टूबर को भारत और दुनिया भर में विश्व छात्र दिवस (World Students’ Day) मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में समर्पित है। डॉ. कलाम का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक रहा है — उन्होंने हमेशा कहा था, “सपना वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपना वो है जो हमें सोने नहीं देता।”
विश्व छात्र दिवस का उद्देश्य
विश्व छात्र दिवस का मुख्य उद्देश्य है —
- छात्रों को शिक्षा, विज्ञान और नवाचार की दिशा में प्रेरित करना।
- युवा पीढ़ी में नेतृत्व क्षमता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
- शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित न रखकर व्यावहारिक और तकनीकी दृष्टिकोण से जोड़ना।
2025 की थीम: “Empowering Students through Digital Education”
इस वर्ष विश्व छात्र दिवस 2025 की थीम है —“Empowering Students through Digital Education” (डिजिटल शिक्षा के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाना) भारत में NEP (नई शिक्षा नीति) 2020 के बाद डिजिटल शिक्षा पर तेजी से काम हो रहा है। AI, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स और वर्चुअल क्लासरूम अब शिक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
शिक्षा निर्माण में हो रहे बदलाव
2025 में शिक्षा जगत में कई सकारात्मक परिवर्तन देखे जा रहे हैं —
स्कूलों और कॉलेजों में AI आधारित शिक्षण पद्धति अपनाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित हो रहे हैं। छात्रों के लिए ऑनलाइन स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज शुरू किए गए हैं।
छात्रों की भूमिका: भविष्य के भारत के निर्माता आज के छात्र ही कल के वैज्ञानिक, शिक्षक, उद्यमी और नीति निर्माता हैं। डॉ. कलाम का मानना था कि एक मजबूत राष्ट्र की नींव तभी रखी जा सकती है जब उसके छात्र शिक्षित और जागरूक हों। विश्व छात्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा केवल करियर का साधन नहीं, बल्कि समाज बदलने की शक्ति है।डिजिटल युग में छात्रों को न सिर्फ पढ़ाई पर, बल्कि नवाचार, नैतिकता और आत्मनिर्भरता पर भी ध्यान देना चाहिए l