“सस्टेनेबल और ग्रीन डायट: हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर बढ़ता भारत का नया ट्रेंड”

आज की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी में लोग फिटनेस, पर्यावरण और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं। इसी के साथ “सस्टेनेबल और ग्रीन डायट” का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि पृथ्वी के पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाता है। भारत में 2025 में यह ट्रेंड युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है।
क्या है सस्टेनेबल और ग्रीन डायट?
सस्टेनेबल और ग्रीन डायट एक ऐसी खाने की शैली है जिसमें स्थानीय, ऑर्गेनिक और प्लांट-बेस्ड फूड को प्राथमिकता दी जाती है। इसमें फल, सब्जियां, दालें, अनाज और पौधों से बने प्रोटीन स्रोत शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य है—शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व देना और पर्यावरण पर कम से कम असर डालना।
ग्रीन डायट के प्रमुख फायदे:
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: यह डायट शरीर में ज़रूरी विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर की पूर्ति करती है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
पर्यावरण की सुरक्षा: प्लांट-बेस्ड फूड उत्पादन में पानी और ऊर्जा की खपत कम होती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन घटता है।
वजन और दिल की सेहत: ग्रीन डायट मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिज़ीज़ के खतरे को कम करती है।
लॉन्ग-लाइफ इफेक्ट: नियमित रूप से सस्टेनेबल फूड अपनाने से उम्र लंबी और चेहरा जवान बना रहता है।
भारत में बढ़ता ट्रेंड:
भारत में शहरी आबादी और युवा वर्ग के बीच ग्रीन डायट को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। बड़े शहरों में ऑर्गेनिक फूड स्टोर्स, वेगन रेस्टोरेंट्स और हेल्दी कैफ़े की संख्या में तेज़ी आई है। सोशल मीडिया और फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स भी इस ट्रेंड को आगे बढ़ा रहे हैं।
सस्टेनेबल डायट अपनाने के आसान तरीके:
- स्थानीय और सीजनल फल-सब्जियां खरीदें
- प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूरी बनाएं
- दूध और मांस के विकल्प के रूप में पौधों से बने उत्पादों का उपयोग करें
- घर का बना खाना ज्यादा खाएं, बाहर का कम